श्री गोमाता की आरती
>> Sunday, December 19, 2010
ओम जय श्री गोमाता , ओम जय श्री गोमाता |
दुख हरनी , सुख करनी , तू ही जन्म दाता || ओम ||
देव करे आराधना , हे माँ सुर जननी |
तू ही आरोग्य्द्ती , मैया तू हरनी || ओम ||
सिंग हैं , शक्ति पर्तीक तेरे , और पूंछ चवर शोभा |
सूर्य चन्द्र परम नेत्र तेरे , और पूंछ चंवर चोभा ,
तेरे बदन में माता , ब्रह्मांड समाया |
वेद ग्रंथों ने माता , गुण तेरा गाया हैं || ओम ||
तू गंगा गायत्री गीता सम अवतारी |
जो जन मात्र की आरती , नित पर्तिदिन गावे |
कहत महेंद्र भगत तेरा , मन वन्षित फल पावे || ओम ||
दुख हरनी , सुख करनी , तू ही जन्म दाता || ओम ||
देव करे आराधना , हे माँ सुर जननी |
तू ही आरोग्य्द्ती , मैया तू हरनी || ओम ||
सिंग हैं , शक्ति पर्तीक तेरे , और पूंछ चवर शोभा |
सूर्य चन्द्र परम नेत्र तेरे , और पूंछ चंवर चोभा ,
तेरे बदन में माता , ब्रह्मांड समाया |
वेद ग्रंथों ने माता , गुण तेरा गाया हैं || ओम ||
तू गंगा गायत्री गीता सम अवतारी |
जो जन मात्र की आरती , नित पर्तिदिन गावे |
कहत महेंद्र भगत तेरा , मन वन्षित फल पावे || ओम ||
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